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vikas porwal

शैलेंद्र गीतों का चित्रकार, जिसके लिखे में आंसू और मन का चेहरा नजर आता था

चांदनी रात में सागर किनारे उल्टी पड़ी नाव पर दो प्राणी बैठे थे। एक गंभीर और दूसरा कुछ अनमना सा। अनमने अधीर ने यौवन में ही चढ़ आए अपने मोटापे को थोड़ा संभालते हुए कहा,…