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सर पर छत है पर पानी टपकता है

सर पर छत है पर पानी टपकता है

सर पर छत  है , पर पानी टपकता है।   खुशियों का अंबार है , पर आदमी फफकता है।   चारों तरफ नीतिज्ञ  हैं, पर वह बहकता है।   बेईमानी से भरा  है, पर वो…