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जसिंता केरकेट्टा

आदिवासी लड़कियों की शिक्षा, भाषा संस्कृति के संरक्षण को लेकर काम कर रहीं जसिंता केरकेट्टा से मिलिए

वर्तमान हिन्दी कविता लेखन में पेशे से स्वतंत्र पत्रकार जसिंता केरकेट्टा की पहचान आदिवासी कवयित्री के रूप में है। इनकी कविताओं में झारखंड के आदिवासी जनजीवन का स्वर जीवंत है। जसिंता केरकेट्टा झारखंड के पश्चिमी…


जसिंता केरकेट्टा की तीन कविताएं

1. प्रेम में ‘दो’ हो जाना   प्रेम में आदमी क्यों ‘एक’ हो जाना चाहता है? अपनी भिन्नता के साथ क्यों ‘दो’ नहीं रह पाता है?   इस ‘एक’ की चाहत में वह प्रेम को…