न मूर्तियों से गोडसे जिंदा होंगे, न गोलियों से गांधी मर सकते हैं
गांधी को मारने वाले गोडसे की चाहे जितनी मूर्तियां बना लें, वे गोडसे में प्राण नहीं फूंक सकते…गांधी को वे चाहे जितनी गोलियां मारें, गांधी अब भी सांस लेते हैं। नाथूराम गोडसे पर फिर से…
गांधी को मारने वाले गोडसे की चाहे जितनी मूर्तियां बना लें, वे गोडसे में प्राण नहीं फूंक सकते…गांधी को वे चाहे जितनी गोलियां मारें, गांधी अब भी सांस लेते हैं। नाथूराम गोडसे पर फिर से…
-आशीष देश भर में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में इसलिए मनाया जाता है ताकि अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने में मदद मिल सके। बता दें कि…