वक्‍़त के पन्नों पर (कविता)

जिंदगी तुम कई बार मुसकराहटों के मायने बदल देती हो पढ़ती हो जब भी वक्‍़त की किताब सोच में पड़ जाती हो हर पृष्‍ठ इसका विस्मय की स्याही से भरा होता है जिसके मायने तुम्हें … Continue reading वक्‍़त के पन्नों पर (कविता)