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डीयू ने दिल्ली सरकार के 6 कॉलेजों में रुके हुए गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नामों को भेजा

तस्वीर-गूगल साभार

दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था कार्यकारी परिषद (ईसी) ने आखिरकार 7 महीने बाद 6 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नामों को शुक्रवार भेज दिया गया। इन 6 कॉलेजों में एक-एक सदस्यों के नामों को मार्च 2020 से रोका गया था। डीटीए और दिल्ली सरकार के हस्तक्षेप के बाद डीयू की 21 अक्टूबर की कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें ईसी रेजुलेशन नम्बर-25 में गवर्निंग बॉडी के सदस्यों को पास कर शुक्रवार को संबंधित कॉलेजों को ये नाम भेज दिए गए हैं। इसके अलावा दो कॉलेजों के डीयू द्वारा नामित सदस्यों के नाम (आचार्य नरेन्द्रदेव कॉलेज और शहीद राजगुरू कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस फ़ॉर विमेन) भेज दिए गए है। दिल्ली सरकार के 6 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम पिछले 7 महीने से विश्वविद्यालय ने रोके हुए थे।

आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज ‘सुमन’ व अन्य पदाधिकारियों के साथ डीन ऑफ कॉलेजिज डॉ. बलिराम पाणी व सम कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी जी के साथ उनकी बैठक हुई थी जिसमें उनसे मांग की गई थी कि 6 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नामों को पास करके जल्द भिजवाए। डीटीए के हस्तक्षेप के बाद शुक्रवार  को इन नामों को भेज दिया गया है। इन 6 कॉलेजों में अदिति कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन, कालिंदी कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, केशव महाविद्यालय और लक्ष्मीबाई कॉलेज है। प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि लक्ष्मीबाई कॉलेज, कालिंदी कॉलेज और केशव महाविद्यालय में बिना एक सदस्य के गवर्निंग बॉडी बना ली गई है, जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार के बाहर के सदस्यों से गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन बना लिए है। इन कॉलेजों में सरकार के बाहर से गवर्निंग बॉडी चेयरमैन बनाए जाने पर डीटीए ने चिंता जताई थी।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज ‘सुमन’ ने  दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 6 कॉलेजों में एक-एक सदस्यों के नाम भेजे जाने पर खुशी जाहिर की है और कहा है कि जल्द ही इन कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी बनाई जाए। उन्होंने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली बार ऐसा हुआ है कि 7 महीने पहले  कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक 14 मार्च 2020 को हुई थी। इस बैठक में 28 कॉलेजों के नामों की लिस्ट पास हुई थी, जिसमें 134 लोगों के नामों को स्वीकृति दे दी गई थी। 6 लोगों के नामों पर ईसी सदस्यों ने आपत्ति जताई थी। इन नामों को दिल्ली सरकार के पास वापिस भेजा गया। उनका कहना है कि पिछले 7 महीने से ईसी में गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम पास हो चुके, 6 कॉलेजों के 6 सदस्यों पर आपत्ति जताई थी, लेकिन उसके तीन दिन बाद दिल्ली सरकार ने कुलपति को नाम भेज दिए थे लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय ने उनके नामों को नहीं भेजा था। 21 अक्टूबर को ईसी की बैठक में इन नामों को पास करने के बाद कॉलेजों को अब नाम भेज दिए गए हैं।

प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि जिन कॉलेजों में अब जो गवर्निंग बॉडी बनेगी वह लगभग 5 महीने ही काम कर पाएगी, वह भी जब जल्द ही गवर्निंग बॉडी बनती है। उन्होंने कहा है कि डीयू प्रशासन  ने शिक्षकों के हितों में फैसला लेते हुए सदस्यों के नामों को भेजकर उन सदस्यों के साथ न्याय किया है। उनका कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के नियमानुसार गवर्निंग बॉडी का कार्यकाल एक साल का होता है लेकिन, जिन कॉलेजों में अब नाम भेजे गए हैं वे 5 महीने ही सदस्य रह पाएंगे। उन्होंने डीयू प्रशासन से मांग की है कि हाल ही में जिन कॉलेजों के सदस्यों को अभी भेजा गया है उन्हें मार्च के बाद एक्सटेंशन दिया जाए ताकि कॉलेज हित में गवर्निंग बॉडी कार्य कर सके।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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