यूपी में इस वक्त चुनावी माहौल है। साल 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव है। सभी पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं। इस बार भी तमाम पार्टियां तमाम वायदे जनता से कर रही हैं। अब देखना ये है कि कौन सी पार्टी क्या रणनीति अपनाती है और कितनी सीटों पर चुनाव लड़ती है।
यूपी विधानसभा चुनाव में 403 सीटें हैं। यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी, सपा, बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम के अलावा कई छोटी पार्टियां इस चुनाव में जोरआजमाइश कर रही हैं।
किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा चुनाव?
देश में इस समय महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन बहुत बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। किसान आंदोलन का असर इस बार यूपी विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है। ये मुद्दा इस वक्त ज्यादा गरमाया हुआ है। जनता बढ़ती महंगाई पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दामों को लेकर भी परेशान हैं।
किस पार्टी ने कितनी सीटें जीती?
इससे पहले यूपी विधानसभी चुनाव 2017 में बीजेपी ने पूरे बहुमत के साथ 312 सीटों से जीत हासिल करके यूपी में सरकार बनाई थी। 2017 में समाजवादी पार्टी को 47 सीटें मिली थीं, बीएसपी यानी बहुजन समाज पार्टी ने 19 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस के पाले में सिर्फ 7 सीटें ही आई थी।
अखिलेश यादव नहीं लड़ रहे चुनाव?
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। आपको बता दें कि अखिलेश यादव आजमगढ़ सीट से सांसद हैं। समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल से सीट शेयर कर सकती हैं। यानी समाजवादी पार्टी अब सुहेलदेव समाज पार्टी के साथ साथ राष्ट्रीय लोकदल के साथ भी गठबंधन की बात कही है। हालांकि प्रियंका गांधी और राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी की लखनऊ एयरपोर्ट पर मुलाकात भी हुई। लेकिन गठबंधन जैसी कोई बात सामने नहीं आई है।
कांग्रेस ने जारी किया घोषणा पत्र
इस बार कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी मोर्चा संभाल रही हैं। इस बार कांग्रेस की चुनावी रणनीति काफी दमदार है। प्रियंका गांधी महिलाओं को काफी प्रभावित कर रही हैं। कांग्रेस ने अपना घोषणा जारी कर दिया है जिसमें महिलाओं को टिकटों में 40% की हिस्सेदारी दी जाएगी। यानी कि 40% महिलाएं कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस का चुनावी नारा है “लड़की हूं लड़ सकती हूं”।
साथ ही छात्राओं को स्कूटी और स्मार्टफोन देंगी। हर साल 3 सिलेंडर दिए जाएंगे। महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा होगी। नए सरकारी पदों पर आरक्षण प्रावधानों के अनुसार 40% महिलाओं की नियुक्ति होगी। 1000 रुपये प्रतिमाह वृद्धावस्था पेशन दी जाएगी। आंगनवाड़ी और आशा बहुओं को 10,000 रुपये प्रति माह दिये जाएंगे। प्रदेश में वीरांगनाओं के नाम पर 75 दक्षता विद्यालय होंगे।
मायावती का कांग्रेस पर वार
बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में दूसरे नंबर की विपक्षी पार्टी है। बसपा के इस वक्त विधानसभा में 19 विधायक हैं। लेकिन इस बार बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायक सपा में शामिल हो चुके हैं। इस पर मायावती ने ऐसे लोगों को दलबदलू बता दिया है। मायावती ने कांग्रेस के चुनावी वादों को लेकर ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस ने चुनावी छलावे के तहत् भाजपा व सपा की तरह ही अनेकों प्रकार के लोक लुभावन वादे आदि करने शुरू कर दिए हैं, जिसके तहत इस पार्टी ने यूपी में सरकार बनने पर उत्तीर्ण छात्राओं को स्मार्टफोन व स्कूटी देने की बात कही है, लेकिन मूल प्रश्न यह है कि इनपर विश्वास कौन व कैसे करे?
औवेसी भी चुनाव में पीछे नहीं हैं। उनकी पार्टी एआईएमआईएम भी 100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। हालांकि अभी चुनाव होने में वक्त है लेकिन सभी पार्टियां लगातार चुनावी सभा, रैलियां कर रही हैं।

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