रोटी की कहानी
विषाक्त विचार, विषाक्त हवा पानी, बहुत भारी है जान बचानी बड़ी गज़ब सरकारी कहानी, जोड़ तोड़ कर सत्ता चलानी मंत्री संत्री क्या जाने रोटी की कहानी बड़ी मेहनत से पड़ती है कमानी खोखले वादे…
विषाक्त विचार, विषाक्त हवा पानी, बहुत भारी है जान बचानी बड़ी गज़ब सरकारी कहानी, जोड़ तोड़ कर सत्ता चलानी मंत्री संत्री क्या जाने रोटी की कहानी बड़ी मेहनत से पड़ती है कमानी खोखले वादे…
इस पर, उस पर, सभी पर, उंगलियां उठाएंगे हर किसी पर गप्प करते गपोड़ी कामचोर, आशियाने वातानुकूलक पर गप्प ही करेंगे! संघर्ष क्या करेंगे? काम इन्हें कुछ करना नहीं पर श्रेय पूरा कामचोरों को…
जग में फैलाई है, गंदगी चंद घरानों ने। सवर्ण, मंत्री-संत्री, राजा-महाराजा, और हुक्मरानों ने। की है मेहनत, मेहतर, मजदूरों, और किसानों ने। की सफाई, दुनिया बनाई, फसल उगाई। कलम नहीं, झाड़ू थमाई। मेहनत…
“मनुष्य नश्वर होते हैं। उसी प्रकार विचार भी होते हैं। यह विचार गलत है कि विचार अपना संवर्धन स्वयं कर सकते हैं। जिस प्रकार पौधे को पानी की, उसी प्रकार विचार को प्रचार की दरकार…