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विकास

लोकतंत्र की समाधि

सुबह उठता हूँ, कूकती है कोयल, चहकते हैं पंछी बहती है हवा और बज उठती हैं घण्टियां जोर-जोर से फड़फड़ाते हैं पर्दे और फट्ट की आवाज से बन्द हो जाती हैं खिड़कियां मैं बाहर निकलकर…


‘राम की शक्ति पूजा’ कविता में है जीवन का आधार

शक्ति की अधिष्ठात्री देवी का पर्व जारी है और इस कड़ी में सोमवार को नवां दिन था। सनातन परंपरा का यह पर्व कई पीढ़ियों, सदियों और शायद युगों से चला आ रहा है। दरअसल शक्ति…


सर्वेश्वर दयाल सक्सेना : जिसने अपनी कविता में आम आदमी से किया वादा निभाया

हिंदी नई कविता के सबसे प्रखर किरदारों में से एक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के साथ एक एसा संयोग जुड़ा है जैसा शायद हिंदी के किसी साहित्यकार के साथ नहीं है. वह पैदा भी हिंदी पखवाड़े…


हटिंगटन पहले ही कह चुके थे, ‘इस्लामिक अतिवाद’ दुनिया के लिए खतरे के तौर पर उभरेगा

-रोहिताश चौधरी इस्लामिक अतिवाद यूरोप, अमेरिका से लेकर एशिया तक अपने पैर फैला चुका है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण इस्लामिक स्टेट (आईएस) जैसा खूंखार आतंकी संगठन है, जिसके समर्थक सीमाओं से परे आतंकी गतिविधियों को अंजाम…