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लब

लब और कलम दोनों को आज़ाद करने की कोशिश, निलेश शर्मा की खास पंक्तियां

-निलेश शर्मा मैं हर उस जगह पर होना चाहता हूं जहाँ मुझे होना चाहिए, जैसे उस घड़ी की तरफ जो भागता रहता है सबकी कलाईयों में बंधकर, उन बातों में जब वो दोनों लड़कियां कान…