भूख, बेबसी और वापसी
हज़ारों की भीड़ है, सबके चेहरे सहमे और डरे हुए से हैं। सब भागना चाहते हैं क्यूंकि तुम्हारे ऊपर हमें विश्वास नहीं रहा, एक दूसरे को पैर से रौदतें हुए लोग रो-रो कर थक गई…
हज़ारों की भीड़ है, सबके चेहरे सहमे और डरे हुए से हैं। सब भागना चाहते हैं क्यूंकि तुम्हारे ऊपर हमें विश्वास नहीं रहा, एक दूसरे को पैर से रौदतें हुए लोग रो-रो कर थक गई…