तुम्हारे बिना मैं दीप जलाऊं ये मुझे मंजूर नहीं
कटती है तो कट जाए जिंदगी अंधेरे में किसी से मांग कर चिराग़ जलाऊं ये मुझे मंजूर नहीं अँधेरों में उजाले हैं, या उजालों में अंधेरा है किसी का आशियां जलाऊं ये मुझे मंजूर नहीं…
कटती है तो कट जाए जिंदगी अंधेरे में किसी से मांग कर चिराग़ जलाऊं ये मुझे मंजूर नहीं अँधेरों में उजाले हैं, या उजालों में अंधेरा है किसी का आशियां जलाऊं ये मुझे मंजूर नहीं…