हम देशी हैं साहब
जब सरकारी कर्मचारियों की छंटनी हो रही हो , दिनोंदिन चुपचाप बिना कोई शोर जब सरकारी कम्पनियां बंद कराई जा रही हैं जबरन मुनाफे के बावजूद , दिनोदिन चुपचाप बिना कोई शोर और दूसरी ओर…
जब सरकारी कर्मचारियों की छंटनी हो रही हो , दिनोंदिन चुपचाप बिना कोई शोर जब सरकारी कम्पनियां बंद कराई जा रही हैं जबरन मुनाफे के बावजूद , दिनोदिन चुपचाप बिना कोई शोर और दूसरी ओर…