कभी तो मुझ में घुल जाने के लिए आ
-कहकशां आना है तो पूरी तरह आ कभी तो मुझ में घुल जाने के लिए आ, ये दिया यूँ ही रखा है कभी तो इसे जलाने के लिए आ, कब तक तनहा काटें…
-कहकशां आना है तो पूरी तरह आ कभी तो मुझ में घुल जाने के लिए आ, ये दिया यूँ ही रखा है कभी तो इसे जलाने के लिए आ, कब तक तनहा काटें…
-दिगम्बर नासवा दिन पुराने ढूंढ लाओ साब जी लौट के इस शहर आओ साब जी कश पे कश छल्लों पे छल्ले उफ़ वो दिन विल्स की सिगरेट पिलाओ साब जी मैस की पतली…