कभी तो मुझ में घुल जाने के लिए आ
-कहकशां आना है तो पूरी तरह आ कभी तो मुझ में घुल जाने के लिए आ, ये दिया यूँ ही रखा है कभी तो इसे जलाने के लिए आ, कब तक तनहा काटें…
-कहकशां आना है तो पूरी तरह आ कभी तो मुझ में घुल जाने के लिए आ, ये दिया यूँ ही रखा है कभी तो इसे जलाने के लिए आ, कब तक तनहा काटें…