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Articles by राजीव कुमार झा

नेहरू युग को याद करने का दिन है आज

आज का दिन का स्वतंत्र भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। इसी दिन हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का देहावसान हुआ था। आजादी के बाद देश में इस काल तक के…


“जो रचना कमज़ोर तैयार हो जाती है, उसे फिर से मज़बूत बनाना मुश्किल होता है”

आज हम साहित्य जगत से ममता शर्मा से रूबरू करा रहे हैं। वर्तमान हिंदी लेखन में ममता शर्मा की पहचान कथा लेखिका के रूप में है। राजीव कुमार झा से अपनी इस बातचीत में उन्होंने…


बाल साहित्य लिखा तो जा रहा है, किंतु बच्चों तक पहुंच नहीं पाता है!

आज हम साहित्य जगत से मीरा रामनिवास और उनकी कविताओं से रूबरू करा रहे हैं। मीरा रामनिवास ने साहित्य की विभिन विधाओं में लेखन किया है। मीरा भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी रही हैं। यहां…


प्रेम की प्रतीक्षा में, किस तरह उठते हैं प्रार्थना के स्वर

आज हम साहित्य जगत से कुंदन सिद्धार्थ और उनकी कविताओं से रूबरू करा रहे हैं। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के कवि कुंदन सिद्धार्थ की कविताओं में जीवन की सहज अनुभूतियों का समावेश है ।…