देश इस समय कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रहा है जिस कारण रोज हजारों लोगों की मौत हो रही है और लाखों लोग इस महामारी की चपेट में हैं। कुछ दिनों पहले तक देश में बड़ी मात्रा में ऐलोपैथी की उन दवाओं की कमी हो गई थी जो दवाएं कोविड के इलाज में काम आ रही हैं। यहां तक की ऑक्सीजन समय पर न मिलने के कारण भी लोगों ने दम तोड़ दिया लेकिन काफी लोग इस बीमारी से ठीक भी हुए हैं और अपने घर वापस आए। अब तो कोविशिल्ड और कोवैक्सिन भी आ चुकी हैं वैक्सीन के बारे में तमाम डॉक्टर्स का दावा है कि ये वैक्सीन आपके शरीर को किसी बीमारी, वायरस या संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करती है। हालांकि वैक्सीन पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे और इसी कड़ी में ऐलोपैथी बनाम आयुर्वेद के बीच एक जंग छिड़ गई है।
स्वामी रामदेव अपने बयानों को लेकर लगातार विवादों में बने हुए हैं। ट्विटर पर #ArrestRamdev ट्रेंड कर रहा है। दरअसल बाबा रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वे डॉक्टर्स का मजाक उड़ाते हुए कहते हैं कि एक हजार डॉक्टर तो कोरोना की डब्बल वैक्सीन लगाने के बाद मर गए। उन्होंने कहा कि वो अपने आप को ही नहीं बचा पाए वो कैसी डॉक्टरी। वह आगे कहते है कि डॉक्टर बनना है तो स्वामी रामदेव जैसा बन जिसके पास कोई डिग्री नहीं और सबका डॉक्टर है।
Why is the PM Modi allowing this crook to spread venom against our doctors?
As a Indian, Do you support this?#ArrestRamdev pic.twitter.com/unL7EMQMkm
— Srinivas B V (@srinivasiyc) May 24, 2021
इतना ही नहीं बाबा रामदेव ने ऐलोपैथी दवाओं पर तमाम आरोप लगाएं थे। उनका कहना है कि लाखों लोगों की मौत ऐलोपैथी की दवा खाने से हुई है। दरअसल बाबा रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वे कहते हैं कि गजब का तमाशा है, ऐलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है कि पहले क्लोरोक्वीन फेल हुई, फिर रेमडेसिविर फेल हो गई, फिर एंटीबायोटिक फेल हो गए, फिर स्टेरॉयड फेल हो गए। फिर प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर भी कल बैन लग गया और बुखार के लिए जो दे रहे हैं फैबिफ्लू, वह भी फेल है। जितनी भी दवाएं दे रहे हैं। ये तमाशा हो क्या रहा है?
IMA ने विज्ञप्ति जारी की जिसमें योग गुरु रामदेव कथित रूप से एलोपैथी के खिलाफ बोलते हैं। IMA की मांग है कि “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री या तो आरोप स्वीकार करें और आधुनिक चिकित्सा सुविधा को भंग करें या उन पर मुकदमा चलाएँ और उन पर महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज करें।” pic.twitter.com/JQRjDhTXf5
— Yogender Yogi یوگیندر یوگیਯੋਗੇਂਦਰ ਯੋਗੀ (@yogenderayogi) May 22, 2021
बाबा रामदेव यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि बुखार की कोई दवाई कोरोना पर काम नहीं कर रही, क्योंकि आप बॉडी का टेंपरेचर उतार देते हैं लेकिन टेंपरेचर जिस कारण से आ रहा है उस वायरस को, उस बैक्टीरिया को, उस फंगस को, जिस कारण से भी बुखार हो रहा है, उसका निवारण तुम्हारे पास में है नहीं। तो कैसे ठीक करोगे। इसलिए मैं बहुत बड़ी बात कह रहा हूं, हो सकता है कि इस पर कुछ लोग विवाद करें। लाखों लोगों की मौत ऐलोपैथी की दवा खाने से हुई है।
बाबा रामदेव का जब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो तमाम डॉक्टर्स और लोगों ने उन्हें सेशल मीडिया पर घेर लिया। यहां तक कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव पर एलोपैथी इलाज के खिलाफ झूठ फैलाने का आरोप लगाया।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन डॉक्टर्स की संस्था है उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिख कर बाबा रामदेव पर मुकदमा चलाने की मांग की थी।
IMA HQs Press Release on 22.05.2021 pic.twitter.com/rrc1LXA24n
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) May 22, 2021
जिसके बाद डॉ. हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को पत्र लिखा और कहा कि ऐलोपैथी दवाओं व डॉक्टर्स पर आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत है। उन्होंने आगे लिखा कि कोरोना महामारी के इस संकट भरे दौर में जब ऐलोपैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों ने करोड़ो लोगों को नया जीवनदान दिया है। आपका ये कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों मरीजों की मौत ऐलोपैथी दवा खाने से हुई है। डॉ. हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा।
संपूर्ण देशवासियों के लिए #COVID19 के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं।
बाबा @yogrishiramdev जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई।
मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है। pic.twitter.com/QBXCdaRQb1
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 23, 2021
इसके बाद बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया और कहा कि वह ऐलोपैथी के विरोधी नहीं हैं। उन्होंने जो कुछ वक्तव्य में कहा वो व्हाट्सप मैसेज को पढ़कर सुनाया था। उससे अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मुझे खेद है।
माननीय श्री @drharshvardhan जी आपका पत्र प्राप्त हुआ,
उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूँ और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं- pic.twitter.com/jEAr59VtEe— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) May 23, 2021
देश में कितने जिम्मेदार लोग हैं वह बाबा रामदेव के इस व्हाट्सप वाले बयान के बाद पता चल ही रहा है। लेकिन बाबा रामदेव ने ऐलोपैथी दवाओं पर पहली बार ही आरोप नहीं लगाएं हैं बल्कि इससे पहले भी वे इसी तरह के बयान दे चुके हैं।
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